छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022 को लागू किए हुए दो साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन इसके क्रियान्वयन में भारी लापरवाही सामने आ रही है। प्रदेश में 45 हजार वाहन चालक ऐसे हैं, जिन्होंने इलेक्ट्रिक वाहन तो खरीद लिया, लेकिन अब तक उन्हें सरकार द्वारा घोषित सब्सिडी नहीं मिली है।
By Prashant Pandey
Publish Date: Mon, 31 Mar 2025 11:47:06 AM (IST)
Updated Date: Mon, 31 Mar 2025 03:06:50 PM (IST)

HighLights
- इलेक्ट्रिक वाहन नीति के क्रियान्वयन में देरी से वाहन चालक परेशान।
- सरकार द्वारा घोषित सब्सिडी का इंतजार कर रहे 45 हजार वाहन चालक।
- प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को धक्का लगा सकती है सब्सिडी में देरी।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर(CG E Vehicle Subsidy)। छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2022 को लागू किए हुए दो साल से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन इसके क्रियान्वयन में भारी लापरवाही सामने आ रही है। प्रदेश में 45 हजार वाहन चालक ऐसे हैं, जिन्होंने इलेक्ट्रिक वाहन तो खरीद लिया, लेकिन अब तक उन्हें सरकार द्वारा घोषित सब्सिडी नहीं मिली है।
विशेषज्ञों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की सख्त जरूरत है। प्रदेश के प्रमुख शहरों में 28 प्रतिशत वायु प्रदूषण सिर्फ वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण होता है।
सरकार ने वर्ष 2030 तक 40 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन सड़कों पर उतारने का लक्ष्य रखा है, जिससे प्रदूषण में 10 प्रतिशत की कमी लाने की योजना बनाई गई है। लेकिन सब्सिडी में हो रही देरी से सरकार की यह योजना धीमी होती नजर आ रही है।
अब तक सिर्फ 28 हजार को लाभ
राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए चार पहिया और दो पहिया ई-वाहनों पर उनके मूल्य का 10 प्रतिशत या अधिकतम 1.50 लाख रुपये तक की सब्सिडी देने की योजना बनाई थी। हालांकि, अब तक सिर्फ 28,248 वाहन चालकों को ही यह लाभ मिला है, जबकि 45 हजार लोग अभी भी भुगतान का इंतजार कर रहे हैं।
वाहनों से 28% प्रदूषण, सरकार की योजना अधर में
विशेषज्ञों के अनुसार, रोड ट्रैफिक और वाहनों से निकलने वाला धुआं 45 से 53% तक वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। यदि सिर्फ पीएम 2.5 (हवा में धूल, धुआं आदि के महीन कण) से होने वाले प्रदूषण को देखा जाए, तो इसमें अकेले वाहनों का योगदान 28% तक है।
राज्य सरकार धुआं मुक्त वाहनों को बढ़ावा देकर प्रदूषण को नियंत्रित करने की योजना बनाई है, लेकिन सब्सिडी के भुगतान में देरी इस योजना को कमजोर कर रही है।
सरकार से उम्मीद, लेकिन कब पूरी होगी
परिवहन विभाग के अनुसार, सब्सिडी के भुगतान के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है और बजट मिलते ही इसका वितरण किया जाएगा। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर यह बजट कब तक मिलेगा और वाहन चालकों को राहत कब मिलेगी?
विशेषज्ञों की राय: नीति लागू करने में देरी से होगा नुकसान
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति को सही समय पर लागू नहीं कर पाती, तो 2030 तक 40% इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल हो जाएगा। सब्सिडी न मिलने से लोग ई-वाहनों की खरीद में रुचि नहीं लेंगे, जिससे पेट्रोल-डीजल वाहनों की निर्भरता बनी रहेगी और प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास कमजोर होंगे।
बजट मिलते ही सब्सिडी का भुगतान किया जाएगा
सब्सिडी भुगतान के लिए बजट प्रविधान के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है। जैसे ही बजट मिलेगा, वैसे ही सब्सिडी का भुगतान किया जाएगा। – एस. प्रकाश, आयुक्त एवं सचिव, परिवहन विभाग, छत्तीसगढ़