इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर साइंस ब्रांच के दो पीजी कोर्स 18-18 सीटों के साथ शुरू करने की अनुमति मिली थी। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को 20 से 22 हजार रुपये शुल्क देना होगा। पाठ्यक्रम में प्रवेश गेट परीक्षा के माध्यम से होगा।
By Shashank Shekhar Bajpai
Publish Date: Wed, 02 Apr 2025 12:34:21 PM (IST)
Updated Date: Wed, 02 Apr 2025 01:11:41 PM (IST)

HighLights
- एआईसीटीई की टीम 26 मार्च को कॉलेज का कर चुकी है निरीक्षण, जल्द मंजूरी की उम्मीद।
- सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल जैसे 6 पीजी कोर्स शुरू करने के लिए मांगी गई थी अनुमति।
- सरकार की तरफ से पहले ही मिल चुकी है अनुमति। नए कोर्स शुरू होने से बढ़ेंगे प्लेसमेंट्स।
मनीष मिश्रा, रायपुर। सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज (जीईसी) में शिक्षा सत्र 2025-26 से पोस्ट ग्रेजुएशन (एम.टेक) की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए कॉलेज की तरफ से अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) को पत्र लिखा गया था। एआईसीटीई की टीम 26 मार्च को कॉलेज का निरीक्षण कर चुकी है।
उम्मीद है कि जल्द ही नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए वहां से अनुमति मिल जाएगी। बता दें कि राजकीय कॉलेज होने की वजह से संस्थान की ओर से पहले राज्य शासन से पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति मांगी है। कॉलेज प्रबंधन की तरफ से सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल जैसे छह पीजी कोर्स शुरू करने के लिए अनुमति मांगी गई थी।
इसमें से सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर साइंस ब्रांच के दो पीजी कोर्स 18-18 सीटों के साथ शुरू करने की अनुमति मिली थी। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को 20 से 22 हजार रुपये शुल्क देना होगा। पाठ्यक्रम में प्रवेश गेट परीक्षा के माध्यम से होगा।
एआइसीटीई से फाइनल अप्रूवल आना बाकी
राज्य शासन से अनुमति मिलने के बाद एआइसीटीई को आवेदन किया गया था। वहां से अभी फाइनल अप्रूवल आना बाकी है। यहां पर छात्र-छात्राओं को डेटा साइंस और एम्डेड सिस्टम एंड वीएलएसआई की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। खास बात यह है कि राज्य में तीन जीईसी संचालित है।
रायपुर जीईसी में दोनों कोर्स शुरू किए जाएंगे। बिलासपुर और जगदलपुर जीईसी में पहले से ही अन्य विषयों पर पीजी कोर्स संचालित है। राजधानी होने के बावजूद अभी तक यहां पर एक भी पीजी कोर्स शुरू नहीं हुए थे।

बढ़ेगा कौशल, प्लेसमेंट अवसर भी मिलेंगे
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एमआर खान ने बताया कि समय के साथ टेक्नोलॉजी अपग्रेड होती जा रही है। ऐसे में छात्रों को भी नई टेक्नोलॉजी के साथ अपडेट करना संस्थान का लक्ष्य है। डेटा साइंस और एम्डेड सिस्टम एंड वीएलएसआई दोनों ही लेटेस्ट और आधुनिक टेक्नोलॉजी है। बाजार में इसकी डिमांड भी है।
ये कोर्स शुरू हो जाने से स्टूडेंट्स को डिमांड के टापिक के बारे में सीखने का अवसर मिलेगा। इन विषयों की पढ़ाई से छात्रों का रोजगार कौशल बढ़ेगा और प्लेसमेंट के अवसर भी बढ़ेंगे। साथ ही इस एरिया में शोध को भी बढ़ावा मिलेगा।
5 विषयों की होती है पढ़ाई यूजी में
कॉलेज में स्नातक यानी बीटेक की सिविल, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रानिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रानिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग इन पांच विषयों की पढ़ाई होती है। सिविल में 40 सीटें हैं, बाकि अन्य कोर्स में 60-60 सीटें हैं, यानी कॉलेज में स्नातक की 280 सीटें हैं। छह पीएचडी प्रोग्राम भी चल रहे हैं।
आईआईटी भिलाई शिफ्ट होने के बाद कोर्स का भेजा गया था प्रस्ताव
जीईसी कैंपस में आईआईटी भिलाई 2016 से चल रहा था। पिछले साल आईआईटी अपने मुख्य कैंपस दुर्ग के पास कुटेलाभाठा में शिफ्ट हो चुका है। आईआईटी वाली बिल्डिंग खाली हो जाने के बाद जीईसी की ओर से नए कोर्स शुरू करने प्रस्ताव सरकार को भेजा था, ताकि कैंपस की पूरी बिल्डिंग का इस्तेमाल किया जा सके।