माओवाद की जमीन पर खिलेगा शिक्षा का फूल…झोपड़ी स्कूलों को मिलेंगे नए भवन

Author name

June 15, 2025


प्रदेश के बस्तर संभाग में माओवाद खत्म करने के साथ ही सरकार शिक्षा के क्षेत्र में भी कई कदम उठा रही है। इस साल झोपड़ी में संचालित स्कूलों में नए पक्क भवन बनाए जाएंगे। साथ ही बीजापुर जिले में 11 नए स्कूल खोले जाएंगे। शिक्षा दूत और ज्ञान दूत जैसी योजनाएं भी चलायी जा रही है। संभाग में नियद नेल्ला नार योजना के तहत 111 स्कूल भवन निर्माणाधीन हैं।

By Sandeep Tiwari

Edited By: Roman Tiwari

Publish Date: Sun, 15 Jun 2025 10:17:24 AM (IST)

Updated Date: Sun, 15 Jun 2025 10:53:15 AM (IST)

माओवाद की जमीन पर खिलेगा शिक्षा का फूल...झोपड़ी स्कूलों को मिलेंगे नए भवन
स्कूलों को मिलेगा नया पक्का भवन

HighLights

  1. झोपड़ी स्कूलों को मिलेंगे पक्के भवन
  2. 111 स्कूल भवनों का निर्माणकार्य जारी
  3. बीजापुर में 11 नए स्कूल खोले जाएंगे

संदीप तिवारी, नईदुनिया, रायपुर: छत्तीसगढ़ में 16 जून से जब स्कूलों की घंटी बजेगी, तब बस्तर के घने जंगलों में कुछ खास बदलाव की गूंज भी सुनाई देगी। जहां एक वक्त बंदूक की धमक थी, वहां अब बच्चों की खिलखिलाहट और बस्ते की सरसराहट सुनाई देगी। माओवादी हिंसा से धीरे-धीरे आजाद हो रहे इस क्षेत्र में इस बार का प्रवेश उत्सव खास होगा, क्योंकि अब झोपड़ी वाले स्कूल पक्के भवनों में बदल रहे हैं और बंद स्कूलों के दरवाज़े फिर से खुलने को तैयार हैं।

राज्य सरकार ने नियद नेल्ला नार योजना के तहत बस्तर के लगभग ढाई सौ झोपड़ीनुमा स्कूलों को स्थायी भवन देने की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया है। कई स्कूलों का कायाकल्प हो चुका है और अब प्रवेशोत्सव हर्षोल्लास से मनाया जाएगा। वहीं वर्षों से बंद पड़े 13 स्कूलों को फिर से चालू किया जा रहा है, साथ ही सात नए स्कूल भी खुलेंगे।

नारायणपुर: गांवों में लौटी शिक्षा की रौनक

नारायणपुर जिले के ओरछा विकासखंड में मुरुमवाड़ा, घमंडी और वाड़ापेंदा जैसे गांवों के स्कूल वर्षों से वीरान पड़े थे। माओवादियों ने कभी इन भवनों को उड़ा दिया था, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। विकासखंड शिक्षा अधिकारी दीनबंधु रावटे के अनुसार, ग्रामीणों में जबरदस्त उत्साह है। फिलहाल गोटुल जैसे सामुदायिक भवनों में अस्थायी कक्षाएं लगाई जाएंगी।

यह भी पढ़ें: NIA की जांच में खुलासा, माओवादियों ने हमले के लिए Dummy Camp बनाकर ली थी विशेष ट्रेनिंग

बीजापुर में 11 बंद स्कूल होंगे चालू

बीजापुर डीईओ लखनलाल धनेलिया ने बताया कि नियद नेल्ला नार योजना के तहत 111 स्कूल भवन निर्माणाधीन हैं। इनमें से 41 पहले से बने थे और 68 नए स्वीकृत हुए हैं। इस योजना के तहत उसूर विकासखंड के रेगड़गट्टा, अन्नावरम, करका, सावनार, एडसमेट्टा जैसे माओवादी हिंसा से प्रभावित गांवों के 11 स्कूलों में फिर से शिक्षा की लौ जल उठेगी।

बच्चों को अब नहीं जाना होगा दूर

बस्तर के बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा जैसे जिलों में पहले जहां बच्चों को पोर्टाकेबिन और आवासीय आश्रमों में घर से दूर पढ़ना पड़ता था, अब वहीं गांव में ही स्कूल खुलने से पढ़ाई आसान हो जाएगी। ग्रामीण भी अपने बच्चों को घर के पास स्कूल जाते देखने को उत्साहित हैं।

पिछले साल भी बदली थी तस्वीर

बस्तर में पिछले साल 16 नए स्कूलों के साथ 28 बंद स्कूल फिर से चालू किए गए थे। इसके पहले 300 से ज्यादा स्कूल दोबारा खोले जा चुके हैं। अब प्रशासन उन दुर्गम गांवों तक पहुंच रहा है जिन्हें माओवादियों ने कभी वीरान कर दिया था।

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ पुलिस की भाषा अब होगी आसान, उर्दू-फारसी की जगह हिन्दी के शब्दों का होगा उपयोग

शिक्षा दूत बनेंगे बदलाव के वाहक

राज्य सरकार ‘शिक्षा दूत’ और ‘ज्ञान दूत’ योजना के तहत स्थानीय 12वीं पास युवाओं को उनके गांव में ही पढ़ाने का अवसर दे रही है। इससे एक ओर स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा, दूसरी ओर बच्चों को अपनापन भरी शिक्षा मिलेगी।

अफसरों में भी दिखा आत्मविश्वास

नारायणपुर के डीईओ रमेश निषाद कहते हैं, “अब ओरछा में माओवादी आतंक खत्म होने के कगार पर है।” कांकेर के डीईओ अशोक पटेल ने बताया कि सभी स्कूल भवनयुक्त हो चुके हैं। दंतेवाड़ा व सुकमा में भी स्कूल भवन निर्माण जोरों पर है। उनका कहना है कि अब बस्तर सिर्फ संघर्ष की नहीं, शिक्षा की भी पहचान बनेगा।



Source link