मुख्यमंत्री ने दिखाई तीर्थ दर्शन योजना को झंडी, 780 श्रद्धालु हुए शामिल

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March 28, 2025


राज्य के तीर्थ यात्रियों के आस्था को एक बार फिर संबल मिला है। कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार में बंद हुई मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को एक बार फिर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुरू कर दी है।

By Shashank Shekhar Bajpai

Publish Date: Fri, 28 Mar 2025 12:56:02 PM (IST)

Updated Date: Fri, 28 Mar 2025 01:01:43 PM (IST)

मुख्यमंत्री ने दिखाई तीर्थ दर्शन योजना को झंडी, 780 श्रद्धालु हुए शामिल
गुरुवार को रायपुर रेलवे स्टेशन से पहली विशेष तीर्थ यात्रा ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और अन्य।

HighLights

  1. रायपुर और बलौदाबाजार-भाटापारा जिलों के 780 श्रद्धालु हुए सम्मिलित।
  2. भूपेश राज में बंद हुई रमन सरकार की योजना को साय ने फिर शुरू किया।
  3. 5 साल बाद शुरू मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, सीएम बाेले- अब निरंतर चलेगी।

राज्य ब्यूरो, रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुरुवार को रायपुर रेलवे स्टेशन से पहली विशेष तीर्थ यात्रा ट्रेन को तिरुपति, मदुरै और रामेश्वरम के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस पहली तीर्थ यात्रा ट्रेन में रायपुर और बलौदाबाजार-भाटापारा जिलों के 780 श्रद्धालु बुजुर्ग सम्मिलित हुए।

इन लोगों के लिए यह यात्रा केवल धार्मिक अनुभव नहीं, बल्कि सम्मान और स्नेह का प्रतीक बन गई। बुजुर्गों की वर्षों अभिलाषा आज पूरी हो गई, जब विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का शुभारंभ किया।

इस मौके पर मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े मौजूद थीं। गुरुवार को इस योजना के तहत पहली खेप में रायपुर रेलवे स्टेशन से तिरुपति, मदुरै और रामेश्वरम के लिए रायपुर और बलौदाबाजार-भाटापारा जिलों के 780 श्रद्धालु बुजुर्ग रवाना हुए।

रमन सिंह ने शुरू की थी योजना, भूपेश सरकार ने की बंद

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की शुरुआत भाजपा की तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार में चार दिसंबर 2012 को की गई थी। 15 जनवरी 2013 से 10 जून 2019 के मध्य इस योजना के तहत कुल 272 तीर्थ यात्राओं के माध्यम से दो लाख 46 हजार 983 श्रद्धालुओं को लाभान्वित किया गया था।

प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद जुलाई 2019 से लगभग पांच साल तक ये योजना संचालन में नहींं थी। भूपेश सरकार ने इस योजना को बंद कर दिया था, अब फिर से इसे प्रारंभ कर वर्तमान सरकार ने छत्तीसगढ़ में बुजुर्गों की श्रद्धा, आस्था और वर्षों से संजोए गए तीर्थ यात्रा के सपने को पूर्ण करने के लिए एक बार फिर पहल की है।

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आप के चेहरे पर जो खुशी है, वही मेरा संतोष है- साय

मुख्यमंत्री साय ने तीर्थयात्रा पर जा रहे बुजुर्गों से आत्मीय चर्चा करते हुए कहा कि आप सभी के चेहरे पर जो खुशी है, वही मेरा संतोष है। उन्होंने कहा कि रामेश्वरम में आप लोग पवित्र रामसेतु देख सकेंगे, ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर सकेंगे। आप लोग मदुरै तीर्थ का भी दर्शन करेंगे जहां मीनाक्षी मंदिर है।

तिरुपति में बालाजी का दर्शन करेंगे। दक्षिण भारत के तीर्थ स्थलों को देखने का यह सुंदर अवसर है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री रामलला (अयोध्या दर्शन) योजना अंतर्गत अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में रामलला के दर्शन कर चुके हैं।

प्रयागराज कुंभ आयोजन की भी हुई चर्चा

प्रयागराज में 144 वर्षों उपरांत महाकुंभ का आयोजन हुआ। छत्तीसगढ़ के तीर्थयात्रियों ने भी बड़ी संख्या में कुंभ में हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़ के तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए और उनकी सुविधा का ध्यान रखने के लिए हमने प्रयागराज मेला क्षेत्र में छत्तीसगढ़ पवैलियन तैयार किया था।

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वहां लगभग साढ़े चार एकड़ में तीर्थयात्रियों के रुकने के इंतजाम थे। यह हमारा सौभाग्य है कि हम गंगा जी में स्नान करने पहुंचे प्रदेश के लाखों श्रद्धालुओं की सेवा कर सके। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि अब ये योजना निरंतर चलेगी।

योजना के लिए इतना प्रविधान

मुख्यमंत्री तीर्थ योजना के लिए राज्य सरकार ने 15 करोड़ रुपये का बजट प्रविधान किया है। इस योजना में उज्जैन, पुरी, द्वारिका, वैष्णो देवी, मथुरा, वृंदावन जैसे अनेक तीर्थ स्थलों को जोड़ा गया है, जिनकी फ्री में यात्रा कराई जाएगी। बुज़ुर्गों की तीर्थ यात्रा की इच्छा अक्सर आर्थिक कठिनाइयों के चलते अधूरी रह जाती थी।

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यह संस्कृति और श्रद्धा का संगम है: लक्ष्मी राजवाड़े

इस मौके पर समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना केवल तीर्थ यात्रा नहींं, बल्कि हमारी सनातन संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक आस्था का जीवंत प्रतीक है। इस योजना के तहत उन श्रद्धालुओं को यह अवसर प्राप्त होगा, जो अब तक आर्थिक सीमाओं के कारण तीर्थ यात्रा से वंचित रहे हैं।

कार्यक्रम में विधायक पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू, अनुज शर्मा, समाज कल्याण आयुक्त भुवनेश यादव, संचालक रोक्तिमा यादव, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, नगर निगम आयुक्त विश्वदीप, रायपुर डीआरएम दयानंद, समेत आदि उपस्थित रहे।



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