पुलिस ने बताया कि पकड़े गए कुछ आरोपित इससे पहले हत्या, बलवा, जुआ और एनडीपीएस एक्ट में भी शामिल रह चुके हैं। आरोपित म्यूल बैंक अकाउंट, शेयर ट्रेडिंग फर्जी एप, क्रिप्टो इंवेस्टमेंट, गूगल रिव्यू टास्क और ऑनलाइन ठगी में शामिल थे।
By Shashank Shekhar Bajpai
Publish Date: Fri, 28 Mar 2025 11:15:03 AM (IST)
Updated Date: Fri, 28 Mar 2025 11:15:03 AM (IST)

HighLights
- 100 ठिकानों में की गई कार्रवाई, पांच थानों में दर्ज केस।
- 200 से अधिक पुलिसकर्मी थे कार्रवाई के दौरान शामिल।
- 930 मामलों की जांच में हुई है आरोपितों की पहचान।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। साइबर रेंज थाना पुलिस ने म्यूल अकाउंट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 101 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। 930 खातों की जांच के बाद संदिग्ध खातों में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि होल्ड कराई है। लगातार 30 घंटे तक चली कार्रवाई में 200 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल रहे।
पुलिस के अनुसार, आरोपित म्यूल बैंक अकाउंट, शेयर ट्रेडिंग फर्जी एप, क्रिप्टो इंवेस्टमेंट, गूगल रिव्यू टास्क और ऑनलाइन ठगी में शामिल थे। कुछ आरोपित पूर्व में हत्या, बलवा, जुआ और एनडीपीएस एक्ट में भी लिप्त रह चुके हैं। इससे पहले पुलिस ने म्यूल खातों से धोखाधड़ी के मामले में 98 आरोपितों को गिरफ्तार किया था।
इन बैंकों में खातों को कराया बंद
पुलिस ने बताया कि रेंज साइबर थाना और एंटी क्राइम यूनिट ने 930 मामलों की जांच कर आरोपितों की पहचान की। इसके बाद रायपुर, भिलाई, दुर्ग सहित 100 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। पुलिस का कहना है कि आगे भी इस तरह के खातों पर कार्रवाई जारी रखेगी।
थाना आजाद चौक में इंडियन ओवरसीज बैंक के 21, थाना गंज में कर्नाटका बैंक के 41, थाना टिकरापारा में रत्नाकर बैंक के 54, थाना कोतवाली में कोटक महिंद्रा बैंक के 41, थाना सिविल लाइन में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 128 म्यूल अकाउंट के खाताधारकों के विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया है।
यह भी पढ़ें- रायपुर के खरोरा में डकैती, किसान परिवार को बंधक बनाकर 6 लाख कैश और जेवर लूटे
1 लाख रुपये तक कमीशन
जांच में सामने आया है कि आरोपितों ने अपने बैंक खाते ठगों को बेचे थे। माह में इन्हें 5,000 रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक कमीशन मिला था। कुछ खाताधारकों ने ठगी की रकम का 10 से 20% तक बतौर कमीशन लिया था।
यह हैं म्यूल अकाउंट
म्यूल बैंक अकाउंट ऐसे अकाउंट होते हैं, जिनका इस्तेमाल जालसाज ऑनलाइन ठगी में मिले पैसों को ठिकाने लगाने के लिए करते हैं। अगर वह खुद के खाते खुलवाएंगे, तो केवाइसी के तहत फंस जाएंगे। लिहाजा, वे भोले-भाले लोगों को कमीशन का लालच देकर फंसाते हैं।