राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में 11 गुना बढ़े वाहन, सड़क हादसों में 72 प्रतिशत की बढ़ोतरी

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April 7, 2025


सड़क हादसों में मरने वालों में 80 प्रतिशत संख्या दोपहिया सवार युवाओं की है। यह आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है। मौत की बड़ी वजह हेलमेट न लगाना, कार में सीट बेल्ट न लगाना, शराब के नशे में वाहन चलाना, तेज रफ्तार वाले वाहनों का इस्तेमाल आदि हैं।

By Shashank Shekhar Bajpai

Publish Date: Mon, 07 Apr 2025 07:00:51 PM (IST)

Updated Date: Mon, 07 Apr 2025 07:02:47 PM (IST)

राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में 11 गुना बढ़े वाहन, सड़क हादसों में 72 प्रतिशत की बढ़ोतरी
राजधानी में वाहनों के अधिक दबाव के कारण शाम को लगा जाम।

HighLights

  1. 80 लाख वाहन पंजीकृत, सड़कों पर हर साल उतर रही हैं 7.50 लाख गाड़ियां।
  2. वाहनों के साथ लोगों की भीड़ के कारण सड़क पर चलने लायक जगह नहीं बची।
  3. साल 2024 में छत्तीसगढ़ में 12,600 से अधिक सड़क हादसे में 6,753 मौतें हुईं।

सतीश पांडेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के समय वाहनों की संख्या 78 हजार 376 थी। मगर, इन 24 सालों में इन आंकड़ों में 11 गुना से ज्यादा का इजाफा हुआ है। वर्तमान में परिवहन विभाग में 80 लाख से ज्यादा वाहन पंजीकृत हैं।

प्रदेश की सड़कों पर हर साल औसतन 7.50 लाख से ज्यादा वाहन उतर रहे हैं। लगातार वाहनों की संख्या बढ़ने से यातायात का जहां दबाव बढ़ा, वहीं सड़क हादसे में भी बढ़ोतरी हो रही है। वाहनों के साथ लोगों की भीड़ के कारण सड़क पर चलने लायक जगह नहीं बची है।

इसके चलते रोजाना दुर्घटना होने के साथ मौतों भी हो रही हैं। वाहनों की लगातार बढ़ रही संख्या के अनुसार, सड़कों की संख्या और उसकी लंबाई नहीं बढ़ रही है।

सालभर में 6,753 की मौत

साल 2024 में पूरे प्रदेश में 12,600 से अधिक सड़क हादसे हुए हैं। इनमें 14 हजार लोग घायल हुए हैं और 6,753 लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले रायपुर जिले में पिछले साल 500 से अधिक लोगों की सड़क हादसों में मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा केवल पुलिस थाने में दर्ज केसों का है।

यह दोगुना भी हो सकता है, क्योंकि कई मामले थाने तक पहुंचने से पहले समझौते के आधार पर निराकृत हो जाते हैं। मरने वालों में 80 प्रतिशत संख्या दोपहिया सवार युवाओं की है। यह आंकड़ा हर साल बढ़ रहा है। मौत की बड़ी वजह हेलमेट न लगाना, कार में सीट बेल्ट न लगाना, शराब के नशे में वाहन चलाना, तेज रफ्तार वाले वाहनों का इस्तेमाल आदि हैं।

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फैक्ट फाइल

वर्ष वाहनों की संख्या
2000 78,376
2010 16,58,592
2025 80,00,000 से ज्यादा (मार्च तक)

दुर्घटनाओं के हैं ये कारण

  • वाहन चालकों की लापरवाही, जैसे- ट्रैफिक नियमों को फॉलो न करना, स्पीड में गाड़ी चलाना।
  • यात्रियों की लापरवाही, जैसे- यातायात नियमों का पालन न करना, फुटपाथ पर न चलना।
  • वाहन में यांत्रिक खराबी, रिफ्लेक्टर का न होना, बैक व्यू मिरर का न होना।
  • खराब सड़कें, सड़कों पर अतिक्रमण, नो-पार्किंग जोन में वाहन खड़े करना।

लापरवाही से जान गंवा रहे दोपहिया चालक

प्रदेश में होने वाले सड़क हादसों में सबसे ज्यादा 69.63 प्रतिशत मौतें मोटरसाइकिल चालक और सवार की हुई हैं। वहीं, पैदल यात्री 15.48 प्रतिशत, ट्रैक्टर 3.43 प्रतिशत, कार सवार 2.95 प्रतिशत, साइकिल सवार 2.73 प्रतिशत, मालवाहक 2.18 प्रतिशत, ट्रक-ट्रेलर 2.04 प्रतिशत, हल्के सवारी वाहन से 0.83 प्रतिशत और सबसे कम बस से 0.73 प्रतिशत मौतें हुई हैं। इनमें सबसे ज्यादा 43 प्रतिशत हादसे दोपहर तीन बजे से रात नौ बजे के बीच हुए हैं।

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लापरवाही से होते हैं ज्यादा एक्सीडेंट

हर साल प्रदेशभर में करीब साढ़े सात लाख नए वाहन सड़क पर उतर रहे हैं। इनमें रायपुर में ही डेढ़ लाख वाहन शामिल हैं। सड़क पर यातायात का बढ़ता दबाव और जल्दबाजी के चक्कर में वाहन चालक ट्रैफिक नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। सड़क हादसों में होने वाली ज्यादातर मौतें लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने के कारण होती हैं।चालकों को हेलमेट पहन कर ही दोपहिया वाहन और कार में सीट बेल्ट लगाकर ही चलना चाहिए। सड़कों की इलेक्ट्रानिक मानिटरिंग को बढ़ाने से काफी हद तक यातायात व्यवस्था में सुधार हो सकता है। इससे चौक-चौराहों पर तैनात पुलिस जवानों का इस्तेमाल जरूरत के अनुसार अन्य क्षेत्रों में किया जा सकता है। -संजय शर्मा, एआईजी, ट्रैफिक

ट्रैफिक नियम तोड़ना, दुर्घटना का बड़ा कारण

वाहनों की संख्या बढ़ने, लेकिन सड़कों की संख्या और उसकी लंबाई में किसी भी तरह का अंतर नहीं आने के कारण ही हादसे बढ़ रहे हैं। हर साल वाहनों का दवाब सड़क पर पड़ने, दोपहिया और चारपहिया वाहन चालकों द्वारा जानबूझकर ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने से लोग दुर्घटना के शिकार होते हैं।

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ट्रैफिक सेंस (सड़क पर सही तरीके से वाहन चलाना और यातायात नियमों का पालन करना) का नहीं होना, टर्निंग में कहीं से भी मुड़ जाने, नाबालिग के हाथ में वाहन की चाबी देना आदि कारणों से सड़क हादसे हर साल बढ़ रहे हैं।



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