रायपुर में नगर निगम के खोदे गड्ढे में गिरा मासूम, बाइक सवार युवक ने कूदकर बचाई जान

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April 14, 2025


गड्ढे में गिरने से गंदा पानी जरूर पी गया था, जिसके बाद उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया। फिलहाल बच्चा ठीक है। मासूम की दादी संतोषी साहू ने बताया कि हम लोग उस मसीहा का नाम-पता भी नहीं जान पाए हैं, जिसने हमारे पोते की जान बचाई है। इसका हम सबको अफसोस है।

By Shashank Shekhar Bajpai

Publish Date: Mon, 14 Apr 2025 12:19:10 PM (IST)

Updated Date: Mon, 14 Apr 2025 12:19:10 PM (IST)

रायपुर में नगर निगम के खोदे गड्ढे में गिरा मासूम, बाइक सवार युवक ने कूदकर बचाई जान
नगर निगम द्वारा बिना सुरक्षा के कहीं पर भी गड्ढा खोदकर छोड़ दिया जाता है।

HighLights

  1. खेलते समय गिरा बच्चा, लेकिन बाइक सवार ने बचाई जान।
  2. 10 सेकंड की भी देरी होती, तो टूट सकती थी सांसों की डोर।
  3. घटना के बाद वार्ड पार्षद बद्री प्रसाद गुप्ता ने फोन नहीं उठाया।

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। रविवार को जहां रामनगर इलाके में सीवरेज में डूबने से एक बच्चे की मौत हो गई, वहीं शनिवार को भी वार्ड-62 में भी ऐसी घटना घटी, लेकिन गनीमत रही की बच्चे की जान बच गई। शीतला मंदिर के पास छत्तीसगढ़ नगर में निगम द्वारा खोदे गए चार फीट के गड्ढे में शनिवार शाम तीन वर्ष का मासूम कुशांत साहू गिर गया।

इसी दौरान वहां से बाइक सवार युवक की नजर बच्चे पर गई और उसे बचाने के लिए बाइक छोड़कर तुरंत गंड्ढे में कूद गया, और बच्चे को बचा लिया। लोगों ने बताया कि अगर 10 सेकंड की और देरी हो जाती, या बच्चे पर किसी की नजर नहीं जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था।

गड्ढे में गिरने से गंदा पानी जरूर पी गया था, जिसके बाद उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया। फिलहाल बच्चा ठीक है। बता दें कि नगर निगम द्वारा लगातार इस तरह की लापरवाही की जा रही है। बिना सुरक्षा के कहीं पर भी गड्ढा खोदकर छोड़ दिया जाता है। जिस पर अक्सर हादसे होते रहते हैं।

बीते समय लालगंगा शॉपिंग कांप्लेक्स के पास गड्ढे में मैजिक वाहन घुस गया था। इसके बाद उसे बनवाया गया। मगर, कुछ समय पर उसी गड्ढे में सिटी बस भी घुस गई थी।

लीकेज खोजने निगम ने खोदा गड्ढा

स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर निगम द्वारा माहभर से यह गड्ढा खोदकर छोड़ा गया था। दरअसल, छत्तीसगढ़ नगर में लंबे समय से झागदार पानी आने की शिकायत है। इसकी खोज करने के लिए निगम इसी तरह के लगातार गड्ढे खोदकर खुला छोड़ा रहा है।

लोगों के घरों में गंदा पानी क्यों आ रहा है, इस समस्या का अब तक समाधान नहीं हो पाया है। मगर, निगम की लापरवाही भरे गड्ढे मौत का कारण जरूर बनने लगे हैं। इस पर किसी भी तरह से सुरक्षा घेरा तक नहीं लगाया गया है, जबकि जहां भी गड्ढा खोदा जाता है, वहां पर सुरक्षा घेरा बनाने के साथ रेडियम लगाने का नियम है।

इसके अलावा काम पूरा कर उसे जल्द पाटना होता है। मगर, निगम इस तरह के गड्ढे खोदकर कई महीनों तक खुला छोड़ देता है। लगातार शिकायतें मिलने के बाद भी उन्हें ठीक नहीं कराया जाता।

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डूब गया था बच्चा, मसीहा बना राहगीर युवक

मासूम की दादी संतोषी साहू ने बताया कि मेरे पोते के लिए गली से गुजरने वाला वह युवक भगवान बन गया। गड्ढे में मेरा पोता पूरी तरह से डूब गया था। सिर्फ उसके बाल दिख रहे थे। वह युवक अपनी बेटी को लेकर अस्पताल जा रहा था, उसने देखा तो सीधे गड्ढे में कूद गया और मेरे पोते को बचा लिया। हम लोगों उसे कुछ पैसे देने की भी कोशिश की। मगर, उसने कुछ भी लेने से मना कर दिया।

घटना के चलते घर के सब परेशान हो गए थे। इस बीच वे हड़बड़ी में अपनी बच्ची को लेकर हॉस्पिटल चले गए। हम लोग उनका नाम पता भी नहीं जान पाए हैं, इसका हम सबको अफसोस है। उनका धन्यवाद करने के लिए मेरा पूरा परिवार उनसे मिलना चाहता है, लेकिन उनके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

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कई जगहों में इसी तरह के हैं गड्ढे

निगम द्वारा शहर के कई क्षेत्रों में इसी तरह के गड्ढे खोदकर खुले छोड़े गए हैं। पंडरी मार्केट में 15 से 20 फीट का खुला हुआ खतरनाक गड्ढा छोड़ा गया है, जहां पर अगर कोई गिरा तो पता भी नहीं चलेगा कहां गया।

कमोबेश ऐसा ही हाल पुराना बस स्टैंड पंडरी, राजबंधा मैदान सहित कई स्थानों पर है। जहां सीधे तौर पर निगम की लापरवाही देखी जा सकती है।

पार्षद ने नहीं उठाया फोन

स्वजन ने बताया कि उनके वार्ड पार्षद बद्री प्रसाद गुप्ता फोन तक नहीं उठा रहे हैं। मोहल्ले के सभी लोगों को उनसे बड़ी उम्मीद थी। मगर, जीतने के बाद वे जनता को भूल गए।

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हमारे सुख-दुख का भी सहारा नहीं रहे। वहीं, पूर्व पार्षद देवेंद्र यादव मिलने भी आए और हर संभव मदद करने के लिए भी कहा है।



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