शराब घोटाला: पूर्व आबकारी मंत्री लखमा सात अप्रैल तक ईओडब्ल्यू के रिमांड पर

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April 4, 2025


बुधवार को न्यायाधीश के आदेश पर कवासी लखमा की पेशी हुई। ईओडब्ल्यू ने कवासी से पूछताछ करने के लिए 10 दिन की रिमांड मांगी। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने कवासी को सात अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर ईओडब्ल्यू को सौंपने का आदेश दिया।

By Shashank Shekhar Bajpai

Publish Date: Thu, 03 Apr 2025 01:09:05 PM (IST)

Updated Date: Thu, 03 Apr 2025 01:09:05 PM (IST)

शराब घोटाला: पूर्व आबकारी मंत्री लखमा सात अप्रैल तक ईओडब्ल्यू के रिमांड पर
कोर्ट में पेश होने जाते पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा।

HighLights

  1. हाई कोर्ट में आज होनी है लखमा की जमानत पर सुनवाई।
  2. बचाव पक्ष का आरोप सुनियोजित तरीके से लगाया वारंट।
  3. कोर्ट परिसर में बोले लखमा- सरकार मुझे परेशान कर रही है।

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। शराब घोटाला मामले में रायपुर जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा एक बार फिर से बुधवार को ईओडब्ल्यू के रिमांड पर भेज दिए गए हैं। दरअसल, ईओडब्ल्यू की ओर से मंगलवार को विशेष कोर्ट में लखमा के प्रोडक्शन वारंट के लिए आवेदन लगाया गया था।

बुधवार को न्यायाधीश के आदेश पर कवासी लखमा की पेशी हुई। ईओडब्ल्यू के अधिवक्ता मिथलेश वर्मा ने बताया कि दोपहर बाद न्यायाधीश ने प्रकरण की सुनवाई शुरू की। ईओडब्ल्यू ने कवासी से पूछताछ करने के लिए 10 दिन की रिमांड मांगी।

दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने कवासी को सात अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर ईओडब्ल्यू को सौंपने का आदेश दिया। इधर, बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने बताया कि गुरुवार को हाई कोर्ट में लखमा की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है।

इससे पहले ही सुनियोजित तरीके से ईओडब्ल्यू ने पूछताछ के लिए प्रोडक्शन वारंट का आवेदन लगाया। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें रिमांड पर भेज दिया।

डीएमएफ घोटाला: 15 तक बढ़ी आरोपितों की रिमांड

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डीएमएफ घोटाले में रायपुर जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, माया वारियर और मनोज द्विवेदी की न्यायिक रिमांड खत्म होने पर बुधवार को वीसी के जरिए ईओडब्ल्यू की विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई।

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दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने पांचों आरोपितों की न्यायिक रिमांड 15 अप्रैल तक बढ़ाने का फैसला सुनाया। एसीबी, ईओडब्ल्यू के अधिवक्ता मिथलेश वर्मा ने बताया कि जेल प्रशासन ने पुलिस बल की व्यवस्था न होने का हवाला देते हुए मामले में कोर्ट पेशी के बजाए वीसी के जरिए सुनवाई करने का आवेदन दिया था।



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