1 लाख एडवांस देकर बुक किया था होटल, लॉकडाउन के कारण नहीं हुई शादी… कंज्यूमर कोर्ट का आदेश- ग्राहक को लौटाने होगी राशि

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April 17, 2025


Indian consumer court decision: कोरोना संकटकाल में शादी या किसी अन्य मांगलिक कार्य के लिए होटल या गार्डन बुक करने के बाद आयोजन नहीं होने के कई मामले सामने आए। आम लोगों को यह नुकसान हुआ कि एडवांस के रूप में दी गई उनकी राशि डूब गई, लेकिन अब ऐसे ही एक मामले में रायपुर की उपभोक्ता अदालत ने अहम फैसला दिया था।

By Arvind Dubey

Publish Date: Thu, 17 Apr 2025 10:02:35 AM (IST)

Updated Date: Thu, 17 Apr 2025 10:02:35 AM (IST)

1 लाख एडवांस देकर बुक किया था होटल, लॉकडाउन के कारण नहीं हुई शादी… कंज्यूमर कोर्ट का आदेश- ग्राहक को लौटाने होगी राशि
कोरोना काल में शादियों पर भी प्रतिबंध लगे थे। (फाइल फोटो)

HighLights

  1. जनवरी 2021 में बुक किया गया था होटल
  2. कोरोना के कारण नहीं हो सकी थी शादी
  3. होटल ने एडवांस देने से किया था इनकार

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर (Indian consumer court decision) : वैवाहिक कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए ग्राहक से अग्रिम तौर पर लिए गए एक लाख रुपये लौटाने (Hotel Advance Refund) का आदेश राज्य उपभोक्ता आयोग ने होटल प्रबंधन को दिया है। आयोग ने कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के कारण विवाह स्थगित होने पर अग्रिम राशि वापस नहीं (Hotel Booking Dispute) करने को सेवा में कमी माना है।

दरअसल गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर निवासी विकास कुमार गुप्ता ने 11 जनवरी 2021 को अपने भाई के विवाह के लिए बिलासपुर के जगमल चौक स्थित होटल इंटरसिटी इंटरनेशनल में संपर्क किया। 4.91 लाख रुपये में सौदा हुआ। इसमें एक लाख रुपये अग्रिम राशि जमा की गई।

इसी बीच कोरोना के कारण शासन द्वारा लॉकडाउन लगाए जाने से निर्धारित तिथि में विवाह स्थगित कर दो जुलाई 2021 को करना तय हुआ, लेकिन उक्त तिथि को होटल प्रबंधन ने अग्रिम राशि लौटाने से इंकार कर दिया। परेशान होकर विकास ने बिलासपुर जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद पेश किया।

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कोर्ट मेंं ऐसे चला केस और मिला न्याय

  • जिला आयोग के समक्ष प्रबंधन ने अपने बचाव में कहा कि विकास ने विवाह स्थगित करने के संबंध में कोई सूचना नहीं दी थी, जिसके कारण 21 व 22 अप्रैल 2021 को कोई अन्य बुकिंग नहीं ली गई थी। इससे होटल को आर्थिक हानि हुई है, जबकि लॉकडाउन के दौरान भी 50 से 100 व्यक्तियों को शामिल कर आयोजन करने की अनुमति थी।
  • जिला आयोग ने पाया कि राशि जब्त कर लेना प्रबंधन का मनमाना कृत्य है, लेकिन फिर भी होटल अग्रिम राशि का कुछ भाग व्यय के रूप में रखने का अधिकारी है, इसलिए अग्रिम राशि का 50 हजार और मानसिक पीड़ा क्षतिपूर्ति पांच हजार व वाद व्यय दो हजार परिवादी को देना होगा।
  • अपील की सुनवाई के दौरान राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया, सदस्य प्रमोद कुमार वर्मा की पीठ ने यह पाया कि कोरोना संकटकाल में कलेक्टर बिलासपुर ने जिले को 14 अप्रैल 2021 से 21 अप्रैल 2021 तक कंटेनमेंट जोन घोषित किया था, जिसका विस्तार आगे छह मई 2021 तक किया गया।
  • ऐसी परिस्थिति में न तो विवाह समारोह का आयोजन संभव था, न ही यह कहना सही है कि होटल को कोई हानि हुई होगी, क्योंकि किसी के लिए भी उस अवधि में समारोह आयोजित करना संभव नहीं था।
  • न ही यह माना जा सकता है कि होटल प्रबंधन ने विवाह समारोह को लेकर अग्रिम तैयारी की होगी, जिससे उसे नुकसान हुआ हो। इसलिए होटल प्रबंधन के कृत्य को सेवा में कमी मानते हुए राज्य आयोग ने जिला उपभोक्ता आयोग के आदेश को संशोधित कर पीड़ित को एक लाख के साथ मानसिक क्षतिपूर्ति पांच हजार व वाद व्यय दो हजार लौटाने का आदेश सुनाया।

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