Action Against Naxalism: महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ कॉरिडोर सील… टुकड़ियों में बंटे माओवादियों को अब घेरेंगे तीन राज्य

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June 2, 2025


Action Against Naxalism: बस्तर में माओवादियों के खिलाफ चल रहे निर्णायक ऑपरेशन के बीच उन्हें दोबारा इस क्षेत्र में घुसने से रोकने के लिए मध्य प्रदेश की सीमा में हाक फोर्सेस, महाराष्ट्र के सी-60 कमांडो और छत्तीसगढ़ में डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

By Vinay Verma

Publish Date: Mon, 02 Jun 2025 07:58:07 AM (IST)

Updated Date: Mon, 02 Jun 2025 07:58:07 AM (IST)

Action Against Naxalism: महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ कॉरिडोर सील… टुकड़ियों में बंटे माओवादियों को अब घेरेंगे तीन राज्य
सुरक्षाबलों के एक्शन से नक्सली लगातार कमजोर हो रहे हैं। (फाइल फोटो)

HighLights

  1. सुरक्षा बलों की टुकड़ियां भी मौजूद, सीमाओं पर निगरानी
  2. राजनांदगांव में इंटर स्टेट कॉर्डिनेशन मीट में बनी रणनीति
  3. बस्तर में जारी उन्मूलन अभियान के बीच विशेष ऑपरेशन

विक्रम बाजपेयी, राजनांदगांव (Action Against Naxalism): बस्तर में माओवादियों के विरुद्ध चलाए जा रहे व्यापक अभियान के बीच अब छत्तीसगढ़ की सीमा पर भी उन्हें घेरने की रणनीति बनाई गई है। इसके तहत महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ कॉरिडोर में भी सुरक्षा बलों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

इस कॉरिडोर को सील कर दिया गया है। हाल ही में राजनांदगांव में इंटर स्टेट कॉर्डिनेशन मीट में तीनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने साझा रणनीति तैयार की है। बस्तर से भागे माओवादी टुकड़ियों में बंट गए हैं। इनको दोबारा इस क्षेत्र में घुसने से रोकने के लिए मध्यप्रदेश की सीमा में हाक फोर्स, महाराष्ट्र के सी-60 कमांडो और छत्तीसगढ़ में डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

अधिकारियों का कहना है कि कॉरिडोर में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना है। यह छोटी-छोटी टुकड़ियों में छिपे हैं। इनको खत्म करने के लिए ही रणनीति को बदला गया है। यह कारिडोर माओवादियों का डंपिंग एरिया है।

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(बैठक में मौजूद अधिकारी।)

कारगर कार्रवाई की तैयारी पूरी

माओवादियों के खिलाफ तीनों राज्यों की प्राथमिकता है कि उन्हें इस इलाके से दूर रखा जाए। अब भी जो यहां छिपे हुए हैं, उनके खिलाफ भी कारगर कार्रवाई की जा रही है। सीमाओं पर कड़ी निगरानी है। –अभिषेक शांडिल्य, पुलिस महानिरीक्षक, राजनांदगांव रेंज

छोटी-छोटी टीम में बंटे, लगातार ठिकाना बदल रहे

पुलिस अधिकारी ने कहा कि तीनों राज्यों की पुलिस इस बड़े इलाके में अंदरूनी हिस्सों तक पहुंच रही है। माओवादी पहले जंगल में कैंप किया करते थे, लेकिन सुरक्षा बलों की धमक के बाद अब वे छोटी-छोटी टीमों में बंट गए हैं। छोटी-छोटी टुकड़ियों में मूवमेंट कर रहे माओवादी लगातार अपने ठिकाने बदल रहे हैं। हम इस पर भी जोर दे रहे हैं कि वे आत्मसमर्पण कर दें।

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सुरक्षा बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। तीनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों की कोर्डिनेशन मीट में भी हमने इस पर ही रणनीति तैयार की है।



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