छत्तीसगढ़ में आदिवासी विकास विभाग की ओर से 15 जून से 30 जून तक जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान चलाया जाएगा। जिसके तहत जिन जनजातीय के लोगों का आयुष्मान कार्ड नहीं बन सका है, उनके घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा और उन्हें इस योजना का लाभ पहुंचाया जाएगा।
By Roman Tiwari
Edited By: Roman Tiwari
Publish Date: Fri, 13 Jun 2025 04:21:34 PM (IST)
Updated Date: Fri, 13 Jun 2025 04:21:34 PM (IST)

राज्य ब्यूरो, रायपुर: भारत सरकार के आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के निर्देश पर वर्तमान वर्ष को जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश के सभी आदिवासी समूदाय के लोगों के विकास के लिए सरकार की ओर से विशेष कार्यक्रम चलाया जाएगा। जिसके तहत पूरे प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में छूटे जनजातीय समाज के लोगों का आयुष्मान कार्ड पंजीयन किया जाएगा।
15 जून से जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान
छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास विभाग से प्राप्त सूची के अनुसार प्रदेश में कुल 85 आदिवासीय बाहुल्य विकास खण्ड हैं व प्रदेश में 6691 चिन्हांकित गांव हैं, जहां जनजातीय समुदाय की बहुतायत है। भारत सरकार से प्राप्त निर्देशों के अनुसार इन समस्त गांवों में प्रत्येक घर तक पहुंचना है। जिसका उद्देश्य भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा संचालित अलग-अलग योजनाओं से आदिवासियों को हर हाल में जोड़ना है। जिसके लिए आगामी 15 से 30 जून तक आदिवासी विकास विभाग की ओर से जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान चलाया जाएगा।
घर-घर पहुंचकर बनाएगें आयुष्मान कार्ड
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य सहायता योजना एवं मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से जनजातीय समूहों को जोड़ने के लिए राज्य की नोडल एजेंसी की ओर से विशेष अभियान चलाया जाएगा। 15 जून से मितानिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत कर्मियों की सहायता से यह काम किया जाएगा। ऐसे जनजातीय सदस्य जिनका आयुष्मान कार्ड नहीं बन सका है, उन सभी का आयुष्मान कार्ड पंजीयन कराया जाएगा। कार्ड पंजीयन के लिए दल जनजातीय समूहों के प्रत्येक घर तक पहुंचने का प्रयास करेगा।
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सभी जिलों को दे दी गई है पूर्व सूचना
इस महत्वपूर्ण अभियान के लिए राज्य नोडल एजेंसी द्वारा सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र के माध्यम से जानकारी भेजी जा चुकी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा भी इस अयोजन की लगातार मानिटरिंग की जा रही है। अभियान को किस तरह मूर्तरूप देना है। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं।