CG Electricity Bill: उपभोक्ताओं को लगेगा ‘बिजली का झटका’, बिल में जुड़ेगा 7.32 प्रतिशत FPPAS शुल्क

Author name

June 15, 2025


छत्तीसगढ़ के विद्यूत उपभोक्ताओं ने मई महीने के बिल में 7.32 प्रतिशत अधिभार शुल्क देना पड़ेगा। सरकार की ओर से यह मई के बिल पर एफपीपीएएस शुल्क लगाया गया है। वहीं कंपनी की ओर से अभी और टैरिफ बढ़ाने की मांग की गई है। लेकिन यह नियामक आयोग तय करेगा।

By Roman Tiwari

Edited By: Roman Tiwari

Publish Date: Sun, 15 Jun 2025 10:49:11 AM (IST)

Updated Date: Sun, 15 Jun 2025 11:46:29 AM (IST)

CG Electricity Bill: उपभोक्ताओं को लगेगा 'बिजली का झटका', बिल में जुड़ेगा 7.32 प्रतिशत FPPAS शुल्क
जून में 7.32 प्रतिशत बढ़ का आएगा बिजली का बिल

HighLights

  1. मई महीने में 7.32 प्रतिशत लगेगा एफपीपीएएस शुल्क
  2. जून में 7.32 प्रतिशत बढ़ का आएगा बिजली का बिल
  3. विद्युत कंपनी टैरिफ और बढ़ाने पर कर रही विचार

राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: प्रदेशभर के 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं को इस बार नए टैरिफ के फैसले से पहले ही महंगी बिजली का झटका लगा है। अप्रैल के बिल में पहली बार एफपीपीएएस शुल्क (फ्यूल पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज) माइनस में चला गया था। ऐसे में अप्रैल महीने का बिल मई में आया, उसमें 12.61 प्रतिशत एफपीपीएएस शुल्क नहीं देना पड़ा था, लेकिन अब जून में मई का बिल आया उसमें फिर से एफपीपीएएस शुल्क लगने लगा है।

बता दें कि इस माह 7.32 प्रतिशत के हिसाब से टैरिफ पर शुल्क लिया जा रहा है। यह शुल्क अप्रैल की खपत पर लग रहा है। आने वाले समय में जून के बिल में यह शुल्क और बढ़ने की आशंका है। बिजली उपभोक्ताओं से वीसीए (वेरिएबल कास्ट एडजस्टमेंट) के स्थान पर उत्पादन लागत के अंतर की राशि वसूलने के लिए नया फार्मूला एफपीपीएएस शुल्क बिजली कंपनी ने लागू किया है।

एफपीपीएएस शुल्क के नाम पर हर महीना झटका

प्रदेश में अब तक बिजली उपभोक्ताओं से वीसीए के स्थान पर उत्पादन लागत के अंतर की राशि को उपभोक्ताओं से वसूलने के लिए बिजली कंपनी की ओर से एफपीपीएएस सरचार्ज लागू किया गया है। सबसे पहले 2023 के अप्रैल में पहली बार यह नया फार्मूला लागू किया गया। पिछले दो साल से उपभोक्ताओं को एफपीपीएएस शुल्क के नाम से हर माह बढ़े हुए बिल का झटका लगता आ रहा है।

यह भी पढ़ें: NIA की जांच में खुलासा, माओवादियों ने हमले के लिए Dummy Camp बनाकर ली थी विशेष ट्रेनिंग

पहली बार यह झटका अप्रैल के बिल में नहीं लगा था। इसके पीछे का कारण यह है कि एनटीसीपी लारा से ली गई बिजली का 1,500 करोड़ अंतर का पैसा बीते छह माह से उपभोक्ताओं से वसूला जा रहा था, एफपीपीएएस शुल्क ज्यादा लग रहा था। अब यह अंतर की राशि समाप्त हो गई है, इसलिए अप्रैल में राहत रही। अब वापस एफपीपीएएस शुल्क लिया जा रहा है। अब फिर से उत्पादन लागत में अंतर आ रहा है। जब भी उत्पादन लागत में अंतर रहेगा तब एफपीपीएएस शुल्क लगेगा ही।

यह भी पढ़ें:माओवाद की जमीन पर खिलेगा शिक्षा का फूल…झोपड़ी स्कूलों को मिलेंगे नए भवन

टैरिफ बढ़ने से बिजली होगी महंगी

छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनी ने बिजली नियामक आयोग को वर्ष 2025-26 के लिए जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें बताया गया है कि पावर कंपनी इस सत्र में 24 हजार 652 करोड़ की बिजली बेचेगी। इसके मुकाबले में पावर कंपनी का खर्च 23 हजार 82 करोड़ होगा। ऐसे में पावर कंपनी को 1,570 करोड़ का फायदा होगा, लेकिन वर्ष 2023-24 में पावर कंपनी को अनुमान से 6,130 करोड़ रुपये कम पड़े।

ऐसे में इस अंतर की राशि में 1,570 करोड़ को घटाने के बाद 4,560 करोड़ रुपये का अंतर आ रहा है। इस अंतर की राशि के लिए ही कंपनी की ओर से टैरिफ बढ़ाने की मांग है। हालांकि, नियामक आयोग को ही तय करना है कि वास्तव में पावर कंपनी को कितने पैसों की जरूरत होगी। उसके हिसाब से ही नया टैरिफ तय होगा।



Source link