छत्तीसगढ़ में नौतपा के दौरान मानसून का हलका होता नजर आ रहा है। शुरूआत में हुई बारिश के बाद पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में मौसम सुखा हुआ है। ऐसे में नौतपा में लोग गर्मी से परेशान है। हालांकि, शुरूआती बारिश के दौरान प्रदेश के अधिकांश जलाशयों का जलस्तर बढ़ गया है।
By Roman Tiwari
Edited By: Roman Tiwari
Publish Date: Wed, 04 Jun 2025 01:37:39 PM (IST)
Updated Date: Wed, 04 Jun 2025 01:37:39 PM (IST)

HighLights
- छत्तीसगढ़ में नौतपा के दौरान मानसून कमजोर, बढ़ी गर्मी
- मौसम विभाग की चेतावनी, कई जिलों मे आ सकता है तुफान
- प्रदेश के अधिकांश जलाशयों का जल स्तर कुछ दिनों में बढ़ा
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: मानसून की रफ्तार धीमी पड़ गई है। बस्तर संभाग में 27 मई को दस्तक देने के बाद मानसून की गतिविधियां ठहर गई हैं। पिछले आठ दिनों से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मानसून आगे नहीं बढ़ पाया है। रायपुर समेत मध्य और उत्तर छत्तीसगढ़ के कई जिलों में अब तक मानसून की एंट्री नहीं हुई है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक प्रदेश में सूखा मौसम बने रहने की संभावना जताई है।
मौसम विभाग के अनुसार, एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण पूर्वी बिहार के ऊपर 0.9 किमी ऊंचाई तक सक्रिय है, जिसके प्रभाव से छत्तीसगढ़ में स्थानीय स्तर पर वर्षा की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं।
कमजोर पड़ रहा है मानसून
- अरब सागर से आने वाली मानसूनी हवाएं कमजोर हो गई हैं, जिससे मानसून आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
आंधी तूफान का अलर्ट
मौसम विभाग ने रायपुर, जशपुर, कोरबा, सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा समेत 22 जिलों में आंधी-बारिश और वज्रपात का यलो अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा, गरज-चमक के साथ वर्षा और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है। अन्य जिलों में मौसम सामान्य रहने का पूर्वानुमान है।
नौतपा के दौरान बारिश से बाधों को राहत
प्रदेश में नौतपा के दौरान बीते एक सप्ताह में कई जिलों में हुई बारिश से बांधों को कुछ राहत मिली है। बिलासपुर जिले के अरपा भैंसाझार समेत कई बांधों के जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। बीते बीस दिनों में राज्य के बड़े, मध्यम और लघु बांधों में औसत जल भंडारण 25 प्रतिशत के स्तर पर यथावत बना हुआ है। हालांकि, बीते साल एक जून की स्थिति में इस बार औसत भंडारण करीब सात प्रतिशत कम है। विगत वर्ष यह 31 प्रतिशत के स्तर पर था।
10 प्रतिशत तक बढ़ा जल स्तर
- विगत एक सप्ताह में अरपा, भैंसाझार में 10 प्रतिशत तक जल स्तर बढ़ा है।
- रायगढ़ के केलो जलाशय में 6 प्रतिशत जल स्तर बढ़ा है।
- बालोद के तांदुला जलाशय में 3 प्रतिशत तक जल स्तर में वृद्धि हुई है।
- गंगरेल बांध में बीते 10 दिनों से जल स्तर 31 प्रतिशत बना हुआ है।
- कोडार बांध में भी 1 प्रतिशत जल स्तर बढ़ा है, जो कि चिंताजनक है ।
बड़े बांधों में जल भंडारण की स्थिति
- बांध- 25 मई की स्थिति 1 जून की स्थिति
- मिनीमाता बांगो – 26.07% 25.89%
- रविशंकर सागर- 31.02% 31.18%
- तांदुला जलाशय- 14.21% 17.30%
- दुधावा जलाशय- 23.72% 20.01%
- सिकासार बांध- 17.98% 18.13%
- खारंग जलाशय – 34.02% 33.58%
- सोंढूर जलाशय- 16.78% 18.08%
- मुरूमसिल्ली- 0.39% 0.56%
- कोडार जलाशय- 7.33% 8.42%
- मनियारी जलाशय 40.92% 40.92%
- केलो जलाशय 21.52% 27.59%
- अरपा भैंसाझार 18.10% 28.34%
जल संसाधन विभाग का दावा है कि इस वर्ष जून की शुरुआत और बेहतर बारिश की संभावनाओं को देखते हुए आंकड़े राहत देने वाले हैं। यही स्थिति रही तो पेयजल आपूर्ति और अनुबंध के तहत उद्योगों को सप्लाई समेत अन्य उपयोग के बावजूद स्थिति सामान्य रहने की उम्मीद है। इस बार मानसून जल्द आने की उम्मीद है, जिससे जल संकट की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।