Naxalism in Chhattisgarh: जानकारों का कहना है कि माओवादी अब बंदूक की लड़ाई जारी रखते हैं तो मुठभेड़ों में मरना तय है और आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी उन्हें वैचारिक संघर्ष का रास्ता दे सकती है।
By Arvind Dubey
Publish Date: Fri, 23 May 2025 07:38:07 AM (IST)
Updated Date: Fri, 23 May 2025 07:38:07 AM (IST)

HighLights
- अबूझमाड़ से लेकर कर्रेगुट्टा तक सुरक्षा बल हावी
- अमित शाह ने दिया है 2026 तक खात्मे का टारगेट
- पहली बार दूसरी पीढ़ी संभाल सकती है जिम्मेदारी
अनिमेष पाल, जगदलपुर (Naxalism in Chhattisgarh)। इंजीनियर से माओवादी संगठन के प्रमुख तक पहुंचने वाले बसव राजू (Basav Raju) के बुधवार को छत्तीसगढ़ के बस्तर में अबूझमाड़ के जंगल में मारे (Naxal encounter) जाने के बाद अब बचे हुए माओवादियों के सामने ‘मौत या समर्पण’ का ही विकल्प रह गया है। सुरक्षा बल की ओर से जारी आक्रामक अभियान के बाद अब माओवादी भी यह बात जान चुके हैं कि वे हारी हुई लड़ाई लड़ रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के पूर्व पुलिस महानिदेशक आरके विज कहते हैं कि माओवादी प्रमुख बसव राजू के मारे जाने से माओवादी संगठन का मनोबल टूटा होगा। अबूझमाड़ से लेकर कर्रेगुट्टा तक माओवादियों के गढ़ में अब सुरक्षा बल हावी है।
बसव राजू की मौत… बहुत बड़ी जीत
- 70 वर्षीय बसव राजू भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का महासचिव और पोलित ब्यूरो सदस्यों में से एक था, जिन्होंने माओवादी संगठन की नींव रखी थी। वह माओवादी संगठन में वैचारिक और केंद्रीय सैन्य प्रमुख था।
पहली बार दूसरी पीढ़ी कर सकती है नेतृत्व
माओवादी संगठन को स्थापित करने वाले पहली पीढ़ी के अधिकतर माओवादी अब मारे जा चुके हैं या बूढ़े होने के बाद संगठन का नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में पहली बार दिखाई दे रहा है कि माओवादी संगठन के संचालन की जिम्मेदारी अब दूसरी पीढ़ी संभाल सकती है।
भारत की खुफिया एजेंसी के अनुसार अब थिप्परी तिरुपति उर्फ देवूजी व मल्लोजुला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू उर्फ भूपति का नाम सामने आ रहा है। इनमें से देवूजी माओवादी पार्टी की सशस्त्र शाखा केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) का प्रमुख है, जबकि भूपति को पार्टी का वैचारिक प्रमुख माना जा रहा है, जो कि सेंट्रल रीजनल ब्यूरो (सीआरबी) का प्रमुख है।
थिप्परी तिरुपति तेलंगाना के मडिगा (दलित) समुदाय से आते हैं, जबकि वेणुगोपाल राव ब्राह्मण हैं। 62 वर्षीय तिरुपति तेलंगाना के जगतियाल से हैं और 70 वर्षीय वेणुगोपाल राज्य के पेड्डापल्ली क्षेत्र से हैं।
बता दें कि भाकपा (माओवादी) के दो पूर्व महासचिव किशनजी को 2011 में मुठभेड़ में मार गिराया गया था और अब बसवराजू को भी दो दिन पहले बुधवार को मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है। बसव राजू से पहले महासचिव रहे गणपति ने 2018 में स्वास्थ्य कारणों से अपना पद छोड़ दिया था और अब वह नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है।
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