खबर छत्तीसगढ़ के रायपुर से है, लेकिन पूरी आशंका है कि इस तरह की स्थिति अन्य शहरों में भी हो सकती है। स्कूल शुरू हो चुके हैं और स्कूल बच्चों पर किताबें लाने का दबाव बना रहे हैं। इस कारण माता-पिता परेशान हैं।
By Arvind Dubey
Publish Date: Sat, 19 Apr 2025 11:36:48 AM (IST)
Updated Date: Sat, 19 Apr 2025 03:08:19 PM (IST)

HighLights
- बाजार में अब तक नहीं आईं किताबें
- विद्यार्थी और अभिभावक हो रहे परेशान
- जुलाई तक किताबें आने की संभावना है
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने इस साल कक्षा चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं के पाठ्यक्रमों में बदलाव किया है। इस कारण अभी तक इनकी किताबें बाजार में नहीं आई हैं।
इधर एनसीईआरटी का ब्रिज कोर्स भी तैयार किया है, जो छात्रों को अगली कक्षा में जाने से पहले, नई शिक्षा नीति और नई पाठ्यक्रम के अनुसार है। यह पाठ्यक्रम मुख्य रूप से कक्षा पांचवीं, छठवीं, सातवीं और आठवीं के लिए तैयार किया है।
स्कूल शुरू, लेकिन किताबें नहीं
एक अप्रैल से स्कूल शुरू हो चुके हैं और अभिभावकों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे बच्चों के पुस्तकें लेकर भेजें। इस कारण अभिभावक भी परेशान हैं, जबकि स्कूल शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों का उपयोग सुनिश्चित कराया जाए।
ब्रिज कोर्स से पढ़ाई
- केंद्रीय विद्यालय-1 के प्राचार्य अशोक चंद्राकर ने बताया कि इस बार एनसीईआरटी ने सभी कक्षा के बच्चों को पढ़ाने के लिए ब्रिज कोर्स दिया है। पिछली कक्षा के कुछ विषयों को लेकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा और उन्हें रिकाल करवाया जा रहा है।
- वहीं सीबीएसई स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि उनके पास जो किताबें हैं, वे अभी वही बच्चों को पढ़ाएंगे। सीबीएसई स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि पाठ्यक्रम बदलाव से पूरी किताबें छप नहीं पाई हैं, जिससे बच्चों को नई किताबें मिलने में देरी हो रही है। इससे सीबीएसई और केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने वाले हजारों विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ गई है।
- इन कक्षाओं के हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषय के कोर्स में बदलाव किया है। विद्यार्थियों को बदले हुए पाठ्यक्रम की किताबें जुलाई से मिलने की संभावना है।
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