Padma Awards 2025: छत्तीसगढ़ के पंडीराम को राष्ट्रपति ने प्रदान किया पद्मश्री सम्मान, जानिए पूरी दुनिया में फेमस होने की इनकी कहानी

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May 28, 2025


Padma Awards 2025: छत्तीसगढ़ के जनजातीय वाद्ययंत्र निर्माता व काष्ठ शिल्पकार पंडीराम मंडावी ((Pandiram Mandavi)) को पद्मश्री सम्मान 2025 से अलंकृत किया गया है। राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इन्हें सम्मानित किया है। इसके अतिरिक्त मंडावी को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से दाऊ मंदराजी सम्मान प्रदान किया गया है।

By Roman Tiwari

Edited By: Roman Tiwari

Publish Date: Wed, 28 May 2025 10:07:23 AM (IST)

Updated Date: Wed, 28 May 2025 10:21:28 AM (IST)

Padma Awards 2025: छत्तीसगढ़ के पंडीराम को राष्ट्रपति ने प्रदान किया  पद्मश्री सम्मान, जानिए पूरी दुनिया में फेमस होने की इनकी कहानी
राष्ट्रपति से पद्मश्री सम्मान प्राप्त करते पंड़ीराम मंडावी

HighLights

  1. छत्तीसगढ़ के पंडीराम मंडावी को मिला पद्मश्री सम्मान
  2. जनजातीय वाद्ययंत्र निर्माता व काष्ठ शिल्पकार हैं मंडावी
  3. दाऊ मंदराजी सम्मान से भी सम्मानित हैं पंडीराम मंडावी

नईदुनिया प्रतिनिधि, नारायणपुर (Padma Awards 2025): छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को देश-दुनिया के मंचों पर प्रतिष्ठा दिलाने वाले जनजातीय वाद्ययंत्र निर्माता व काष्ठ शिल्पकार पंडीराम मंडावी (Pandiram Mandavi) को पद्मश्री सम्मान 2025 से अलंकृत किया गया। राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने यह सम्मान प्रदान किया। मंडावी नारायणपुर जिले के ग्राम गढ़बेंगाल निवासी हैं।

बता दें कि, 68 वर्षीय पंडीराम पिछले पांच दशकों से प्रदेश की विलुप्तप्राय पारंपरिक वाद्य व काष्ठ शिल्पकला को संरक्षित कर रहे हैं। साथ ही उसे जीवंत मंचों पर प्रस्तुत करते हुए नई पीढ़ी तक पहुंचा रहे हैं। वे बांसुरी, टेहण्डोंड, डूसीर, सिंग की तोड़ी, कोटोड़का, उसूड़ जैसे लोक वाद्य यंत्रों के निर्माण व प्रदर्शन में अद्वितीय दक्षता रखते हैं। उनकी काष्ठ-कला न केवल लोकगीतों की आत्मा को जीवंत करती है, बल्कि सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की मिसाल भी प्रस्तुत करती है।

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विदशों में भी किया अपनी कला का प्रदर्शन

  • मंडावी की कला यात्रा देश की सीमाओं तक सीमित नहीं रही। वे अब तक रूस, फ्रांस, जर्मनी, जापान और इटली सहित कई देशों में सांस्कृतिक प्रतिनिधिमंडल के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उनकी कला ने न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि संपर्ण भारत की पारंपरिक छवि को वैश्विक मंचों पर प्रतिष्ठा दिलाई है।
  • बता दें कि, छत्तीसगढ़ी संरक्षण और संवर्धन में उनके योगदान को सराहते हुए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मंडावी को दाऊ मंदराजी सम्मान 2024 से भी विभूषित किया जा चुका है। यह सम्मान छत्तीसगढ़ी लोक परंपराओं को जीवित रखने वाले उत्कृष्ट कलाकारों को प्रदान किया जाता है।


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