रायपुर एम्स में अब कैंसर का इलाज न्यूक्लियर मेडिसिन से किया जाएगा। इसके लिए एम्स के न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में एक खास मशीन आटोमेटेड रेडियो सिंथेसाइजर और गैलियम जनरेटर लगाया गया है। इससे कैंसर की पहचान करना अब आसान हो जाएगा।
By Roman Tiwari
Edited By: Roman Tiwari
Publish Date: Fri, 06 Jun 2025 12:18:25 PM (IST)
Updated Date: Fri, 06 Jun 2025 01:06:33 PM (IST)

HighLights
- एम्स में न्यूक्लियर मेडिसिन से कैंसर का इलाज
- ऐसा करने वाला प्रदेश का एकमात्र अस्पताल
- एम्स में पीईटी स्कैन की सुविधा हुई बेहतर
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: राजधानी रायपुर स्थित एम्स प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतालों में से है। जहां लगभग हर तरह के रोगों का इलाज किया जाता है। रायपुर का एम्स अब कैंसर जैसी बीमारियों का पता लगाने और उनका इलाज करने में और भी आगे बढ़ गया है।
बता दें कि एम्स ने अपने न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में एक खास मशीन लगाई है, जिसे आटोमेटेड रेडियो सिंथेसाइजर और गैलियम जनरेटर कहते हैं। इस नई मशीन के आने से एम्स रायपुर छत्तीसगढ़ का एकमात्र ऐसा सरकारी अस्पताल बन गया है, जहां कैंसर का पता लगाने वाले खास इंजेक्शन (जिन्हें रेडियोट्रेसर कहते हैं) खुद ही बनाए जा सकेंगे। पहले ये इंजेक्शन बाहर से मंगवाने पड़ते थे।
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क्या फायदा होगा मरीजों को?
अब एम्स में पीईटी स्कैन की सुविधा और बेहतर हो गई है। इससे कैंसर का जल्दी पता लगाने, वो शरीर में कितना फैल चुका है ये जानने और हर मरीज के लिए अलग से इलाज तय करने में मदद मिलेगी। कुछ खास कैंसर जैसे प्रोस्टेट कैंसर, न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर और कुछ ऐसे कैंसर जिनमें आम स्कैन काम नहीं आते, उनके लिए भी अब बहुत सटीक जांचें हो पाएंगी। इससे इंसुलिनोमा जैसी बीमारियों का भी सही जगह पता चल सकेगा।
मरीजों का इलाज होगा आसान
डाक्टरों का कहना है कि ये नए इंजेक्शन बीमारियों का पता लगाने में बहुत सटीक हैं, खासकर उन बीमारियों में जो जटिल होती हैं। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि अपनी दवाएं खुद बनाने से मरीजों को जल्दी इलाज मिल पाएगा और बाहर की कंपनियों पर निर्भरता भी कम होगी। यह नई सुविधा कैंसर के इलाज में एक नई क्रांति लाएगी, खासकर प्रोस्टेट, पेट और स्तन कैंसर में।