रायपुर में शेयर ट्रेडिंग में लाभ का झांसा देकर मासाला व्यापारी से 2.66 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह के 4 आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने 4 आरोपितों को गुजरात, आंध्र प्रदेश और झारखंड से गिरफ्तार किया है। वहीं 2 आरोपित अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
By Roman Tiwari
Edited By: Roman Tiwari
Publish Date: Thu, 12 Jun 2025 10:36:18 AM (IST)
Updated Date: Thu, 12 Jun 2025 10:36:18 AM (IST)

HighLights
- शेयर ट्रेडिंग में लाभ का झांसा देकर 2 करोड़ 66 लाख रुपये की ठगी
- गुजरात, आंध्र प्रदेश और झारखंड से गिरफ्तार किए गए 4 आरोपित
- ठगी में 1 एमबीए और 1 आइटी एक्सपर्ट शामिल, 2 आरोपित फरार
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग में अधिक लाभ कमाने का लालच देकर थोक मसाला कारोबारी से 2 करोड़ 66 लाख रुपये की ठगी के मामले में रेंज साइबर पुलिस ने 4 शातिर आरोपितों को गिरफ्तार किया है। गुजरात, आंध्र प्रदेश और झारखंड से गिरफ्तार किए गए इन आरोपितों में एक सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ (आइटी एक्सपर्ट) और एक एमबीए डिग्री धारक भी शामिल है।
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पुलिस के अनुसार, इस संगठित अपराध में दो अन्य जालसाज भी शामिल हैं, जिनकी तलाश जारी है। गुढ़ियारी के हेमंत जैन ने साइबर पुलिस में ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिस पर कार्रवाई करते हुए आंध्र प्रदेश के शेख बाबा, अहमदाबाद के अशोक खैराती लाल, पाटण निवासी प्रियांक ब्रह्मभट्ट और झारखंड के हजारीबाग के नागेंद्र महतो को गिरफ्तार कर लिया गया है।
जालसाजों ने अलग-अलग खातों में रकम किया ट्रांसफर
जालसाजों ने कारोबारी से ठगी गई राशि को अलग-अलग व्यक्तियों के फर्जी खातों में ट्रांसफर करवाया है। इसके बाद इन खातों से तुरंत पैसे निकाल लिए ताकि उन्हें होल्ड होने से बचाया जा सके। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि गिरफ्तार ट्रांसपोर्टर ने ठगी की रकम का इस्तेमाल अपने व्यवसाय में किया है, जबकि वेयरहाउस संचालक ने इस पैसे से नया वेयरहाउस बनाया है।
पुलिस का मानना है कि आरोपितों को अपनी गिरफ्तारी का अंदेशा था, इसलिए वे लगातार अपने ठिकाने बदल रहे थे और एक राज्य से दूसरे राज्य में छिप रहे थे। साइबर पुलिस अब फरार दो अन्य आरोपितों की तलाश में जुटी है और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इस गिरोह ने और कितने लोगों को अपना शिकार बनाया है।
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पढ़े-लिखे हैं आरोपित
पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार आरोपितों में शेख बाबा ने एमबीए की पढ़ाई की है, जबकि प्रियांक आइटी विशेषज्ञ है। वहीं, नागेंद्र और खैराती लाल ट्रांसपोर्ट और वेयरहाउस संचालन से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने बताया कि ये सभी आरोपित सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम और मैसेंजर के माध्यम से एक-दूसरे के संपर्क में थे। गिरोह का सरगना अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, जिसकी गिरफ्तारी के बाद ही इस आनलाइन गठजोड़ और ठगी के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सकेगा।