कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जब सरकार ने खुद कोर्ट को अंडरटेकिंग दी थी, तो उसे तोड़ना न्यायपालिका का अपमान है। अब यह मामला अगली सुनवाई में और गंभीर रूप ले सकता है, क्योंकि कोर्ट ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि अंडरटेकिंग का उल्लंघन न्यायिक व्यवस्था की अवमानना के दायरे में आता है।
By Navodit Saktawat
Publish Date: Thu, 01 May 2025 08:07:38 PM (IST)
Updated Date: Thu, 01 May 2025 08:08:51 PM (IST)

HighLights
- राज्य सरकार को अवमानना नोटिस, कईयों के नाम छूटने की भी शिकायत।
- पदस्थापना से पहले विवादों में फंसी पदोन्नति, राज्य सरकार को तगड़ा झटका।
- साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को अवमानना नोटिस भी जारी कर दिया है।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्षों बाद व्याख्याता से प्राचार्य पद पर पदोन्नति की। इस प्रक्रिया के 24 घंटे के भीतरह नाराज हाई कोर्ट बिलासपुर ने पदोन्नति पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को अवमानना नोटिस भी जारी कर दिया है।
कोर्ट की नाराजगी इस बात को लेकर है कि पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने पदोन्नति को लेकर अंडरटेकिंग दी थी, इसके बावजूद पदोन्नति सूची जारी कर दी गई। कोर्ट ने राज्य सरकार को अवमानना का नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है।
हाईकोर्ट ने इस रवैये को गंभीरता से लिया है और अगली सुनवाई की तारीख सात मई तय की है। बताया जाता है कि पदोन्नति सूची में बड़ी संख्या में वरिष्ठ व्याख्याताओं के नाम छूट गए हैं। इसलिए इस पदोन्नति प्रक्रिया से भी कुछ शिक्षकों में भारी रोष है। कुछ प्रकरणों में तो दावा आपत्ति के बाद भी सुनवाई नहीं करते हुए एकतरफा कार्रवाई की गई है।
पदोन्नति के बाद होनी थी पदस्थापना
- राज्य सरकार ने 30 अप्रैल को ई संवर्ग के 1524 और टी संवर्ग के 1401 शिक्षकों सहित कुल 2925 शिक्षकों की पदोन्नति सूची जारी की थी।
- लेकिन इससे पहले हुई सुनवाई में सरकार की ओर से कोर्ट को यह भरोसा दिलाया गया था कि कोई भी अंतिम निर्णय अगली सुनवाई तक नहीं लिया जाएगा।
- इसके बावजूद सूची जारी करने पर याचिकाकर्ता पक्ष के वकीलों ने गुरुवार को अदालत को अवगत कराया कि यह सीधे-सीधे कोर्ट की अवमानना है।
कोर्ट में लंबित है मामला
- चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद वर्मा की डिवीजन बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस मुद्दे पर हाईकोर्ट की अन्य बेंचों में भी कई याचिकाएं लंबित हैं।
- उन्होंने सभी याचिकाओं को एक साथ क्लब कर सुनवाई करने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए सभी याचिकाओं को एक साथ सुनने का आदेश दिया।
- प्राचार्य पदोन्नति को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट में कई शिक्षक संगठनों और शिक्षकों ने याचिकाएं दाखिल की हैं।
- इनमें से प्रमुख याचिका अखिलेश त्रिपाठी की है, जिसमें प्राचार्य पदोन्नति फोरम ने भी हस्तक्षेप याचिका लगाई है। गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के खिलाफ कोर्ट का रुख सख्त नजर आया।
- चीफ जस्टिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए रजिस्ट्रार जनरल को निर्देश दिया कि सभी संबंधित याचिकाओं को एक साथ क्लब कर डिवीजन बेंच में प्रस्तुत किया जाए।