सुविधा में बढ़ोतरी: नए सिरे से होगा डायल-112 का टेंडर, 33 जिलों में सेवा देने की तैयारी

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March 25, 2025


डायल-112 को और कैसे बेहतर बनाया जा सकता है, इसके लिए पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने डायल-112 मुख्यालय पहुंचकर सिस्टम की जानकारी ली है। दरअसल, डायल-112 को आवश्यक सेवा में शामिल कर लिया गया है। लिहाजा, इसकी गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए काम किया जा रहा है।

By Shashank Shekhar Bajpai

Publish Date: Mon, 24 Mar 2025 11:27:48 AM (IST)

Updated Date: Mon, 24 Mar 2025 11:56:04 AM (IST)

सुविधा में बढ़ोतरी: नए सिरे से होगा डायल-112 का टेंडर, 33 जिलों में सेवा देने की तैयारी
नई कंपनी के आने के बाद डायल-112 सेवा की सूरत बदलने की उम्मीद है।

HighLights

  1. वर्तमान में डायल-112 सेवा का संचालन टाटा ग्रुप कर रहा है।
  2. दो साल पहले अगस्त में खत्म हो चुका है कंपनी का कार्यकाल।
  3. DGP अरुण देव ने डायल-112 मुख्यालय पहुंचकर ली जानकारी।

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। राज्य में 11 पुराने जिलों सहित नए पांच जिलों में वर्तमान में डायल-112 की सेवा संचालित की जा रही है। डायल-112 सेवा का अब नए सिरे से टेंडर जारी करने की तैयारी की जा रही है। डायल-112 को और कैसे बेहतर बनाया जा सकता है, इसके लिए पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने डायल-112 मुख्यालय पहुंचकर सिस्टम की जानकारी ली है।

वर्तमान में डायल-112 सेवा का संचालन टाटा ग्रुप कर रहा है। ग्रुप का कार्यकाल दो साल पहले अगस्त में पूरा हो चुका है। सेवा संचालित करने अब तक किसी नए ग्रुप को जिम्मेदारी नहीं दी गई है। इसके कारण डायल-112 सेवा का संचालन टाटा ग्रुप ही कर रहा है। सेवा में लगे ज्यादातर वाहन जर्जर हालत में हैं। नई कंपनी के आने के बाद डायल-112 सेवा की सूरत बदलने की उम्मीद है।

सभी 33 जिलों में सेवा संचालन

वर्तमान में डायल-112 सेवा 11 पुराने जिले रायपुर, महासमुंद, दुर्ग, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बस्तर, सरगुजा, बिलासपुर, कबीरधाम, राजनांदगांव के अलावा रायपुर से अलग कर बलौदाबाजार, रायगढ़ से काटकर बनाए गए सारंगढ़-बिलाईगढ़, बिलासपुर से काटकर बनाए गए गौरेला-पेंड्रा- मरवाही तथा राजनांदगांव से काटकर बनाए गए मोहला मानपुर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में संचालित हो रही है। इसका विस्तार सभी 33 जिलों में करने की योजना है।

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सिस्टम को अपडेट करने दिए निर्देश

डायल-112 आवश्यक सेवा में शामिल हो गई है। इस बात को ध्यान में रखते हुए डीजीपी अरुण देव गौतम ने सिस्टम को और अपडेट करने निर्देश दिए हैं। वर्तमान में संबंधित जगह रवाना की गई गाड़ी की मानिटरिंग फोन के माध्यम से मुख्यालय से होती थी।

इसे अपडेट करते हुए डायल-112 सेवा से जुड़े अफसर अपने मोबाइल से गाड़ियों की मानिटरिंग कर सकें, सिस्टम को इस तरह से विकसित करने डीजीपी ने निर्देश दिए हैं।

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कंपनी विवादित होने के बाद रद किया गया टेंडर

टाटा ग्रुप का सेवाकाल समाप्त होने के बाद एक वर्ष पूर्व मुंबई के जिकित्जा ग्रुप को सेवा संचालित करने टेंडर दिए जाने की प्रक्रिया चल रही थी। कंपनी के विवादित होने के बाद जिकित्जा को सेवा संचालित करने टेंडर नहीं दिया गया। जल्द ही डायल-112 सेवा देने नए सिरे से टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसकी तैयारी चल रही है।

अग्निशमन को सिस्टम से जोड़ा जाएगा

राज्य के सभी जिलों में संचालित अग्निशमन सेवा को सिस्टम से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। वर्तमान में किसी जगह आग लगने की घटना की जानकारी डायल-112 को मिलती है, तो डायल-112 फायर ब्रिगेड को काल कर इसकी जानकारी देती है।

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अग्निशमन सेवा डायल-112 से जुड़ जाएगी, तो कहीं भी आगजनी की घटना होने पर इसकी जानकारी डायल-112 को मिलेगी। इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर अग्निशमन सेवा को जरूरी मदद पहुंचाने का काम डायल-112 सेवा के माध्यम से किया जाएगा।



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